दोस्त कोई खून का रिश्ता नहीं होता पर हर रिश्ते मे खून है भर देता। हर इक रिश्ते में दोस्ती का अहसास हो सकता है दोस्ती एक ऐसा रिश्ता, जिसमें सभी रिश्तों का अहसास हो सकता है होते है भिन्न मित्र, जीवन काल में हमारे आने के बचपन के जवानी के,कार्य स्थल और समाज के मित्रता का एक है, बहुत ही अनुपम उपहार पहुंचा देते हैं उस क्षड में, जंहा मिले थे पहली बार ये रिश्ता बनता है, अनुभव का बड़ा आधार गर कोई देता है, दगा,धोखा या व्यभिचार दोस्तो का रिश्ता, नहीं देखता ऊंच नीच का अंतर कृष्ण सुदामा का उदाहरण है बहुत ही सुन्दर जीवन में कुछ हो न हो, कुछ दोस्त, अवश्य हो अवश्य हो जब कभी मन हो उदास और नाराज़ खोल कर रख दो सारे राज दोस्त कोई खून का रिश्ता नहीं होता पर हर रिश्ते में खून है भर देता Anand Prakash