छलकती आंखों ने भर दिए वो खाली जाम, तेरी याद, तेरा ज़िक्र, फिर एक और तेरे नाम, कब सुबह हुई, कब गुज़र गईं गम-ए-शाम, मुकुल तेरी याद में, चर्चे अब हो गए सरे आम। Mukul
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छलकती आंखों ने भर दिए वो खाली जाम, तेरी याद, तेरा ज़िक्र, फिर एक और तेरे नाम, कब सुबह हुई, कब गुज़र गईं गम-ए-शाम, मुकुल तेरी याद में, चर्चे अब हो गए सरे आम। Mukul