मेरी ज़ुल्फ ने आंखें छुपाकर, गाल थपथपाकर, कानों से किया सवाल, क्यों उनके हाथों ने […]
इल्तिज़ा
मैं मायूस हुआ जाता हूं, तुम हंसाओ मुझको, तलब़गार हूं तुम्हारा, पता तो बताओ मुझको […]
“कीमत” की “अहमियत”
संवाद चल रहा था, “कीमत”और “उपयोगिता” में ,कुछ खास। साक्षी बनने का मौका मिला था […]
दोहे के नियम १३-११ और १३-११
नियम तेरह ग्यारह के, कहुं समझ ना आयें लोक । दोहा तुम यो लिख दियो, […]
कश्ती
मेरी कश्ती तुझसे जुदा भले हो, मेरा तूफ़ाँ तुझसे जुदा नहीं, है फ़र्क़ तो बस […]
दूरियाँ
जब सच में अखरती हैं जब दिल में उतरती हैं जब भी याद आती हैं […]
दोस्त एवं दोस्ती
दोस्त कोई खून का रिश्ता नहीं होता पर हर रिश्ते मे खून है भर देता। […]
तेरी याद
छलकती आंखों ने भर दिए वो खाली जाम, तेरी याद, तेरा ज़िक्र, फिर एक और […]